Latest News: एस्ट्राजेनेका के अनुसार रक्त के थक्कों का सच, दस बिंदुओं में जानिए विस्तार से”
"Covid Vaccine: एस्ट्राजेनेका के अनुसार रक्त के थक्कों का सच, दस बिंदुओं में जानिए विस्तार से”
Astrazeneca Covid Vaccine: महामारी के दौरान जीवन की रक्षा के लिए अपनाई गई इस टीके ने सभी को आश्वस्त किया था। परंतु हाल ही में उठे प्रश्नों ने चिंताएँ बढ़ा दी हैं। लंदन से आई खबरों के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि उनके टीके से दुर्लभ मामलों में खून के थक्के बन सकते हैं।
वैक्सीन विवाद में नया मोड़: #Covishield और Covaxin की सोशल मीडिया पर चर्चा जोरों पर है। भारतीय नागरिक अपने टीकाकरण की जानकारी की पुनः समीक्षा कर रहे हैं, जबकि एक खबर ने उन्हें गहरी चिंता में डाल दिया है। हालिया महीनों में अचानक हुई मौतों की घटनाओं को पहले नजरअंदाज किया गया, लेकिन अब लंदन से आई एक रिपोर्ट ने इस बहस को नई दिशा दी है। एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि कोविशील्ड वैक्सीन से दुर्लभ मामलों में खून के थक्के बन सकते हैं। आइए इस विषय पर विस्तार से जानें।
1. वैक्सीन की आड़ में विपदा: लंदन में टीकाकरण के बाद गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे लोग। जेमी स्कॉट ने एस्ट्राजेनेका के खिलाफ उठाई आवाज, लंदन हाई कोर्ट में दायर किया मुकदमा। वैक्सीन से उनके मस्तिष्क को पहुंचा नुकसान।
2. “एस्ट्राजेनेका का स्वीकारोक्ति: ब्रिटिश अदालत में कंपनी ने पहली बार स्वीकार किया है कि उनके कोविड वैक्सीन से खून के थक्के बनने की संभावना है। इस खुलासे ने वैक्सीन से जुड़े साइड इफेक्ट्स की बहस को नई दिशा दी है।”
3. शरीर में खून के थक्के जमने से ब्रेन स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसे TTS यानी थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम कहते हैं.
4. “वैक्सीन के दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम: एस्ट्राजेनेका के साइड इफेक्ट्स ने दुनियाभर के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने इस वैक्सीन को अपनाया था, जिसमें प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है। अब जो लोग इसी फॉर्मूले वाली वैक्सीन को लगवाएं हैं, उनकी चिंता बढ़ी है, भले ही उसका नाम अलग हो।”
5. “कोविशील्ड: भारत में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का नया नाम। यहां सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने एस्ट्राजेनेका के लाइसेंस के तहत इस वैक्सीन का उत्पादन किया था।”
6. “वैक्सीन के दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम: ब्रिटेन के पीड़ित जेमी स्कॉट के दो बच्चे हैं, जिनका ब्रेन स्थायी रूप से जख्मी हो गया है। उन्होंने अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगवाई थी और उनके खून में थक्के जम गए। उनका कामकाज भी रुक गया है।”
7. कंपनी ने बाद में वैक्सीन के बारे में जानकारी अपडेट की थी। उसमें दुर्लभ मामलों में वैक्सीन से ब्लड क्लॉट हो सकता है यह कहा गया था। अब यूके में इस वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं हो रहा है।”
8. एक अद्वितीय दृष्टिकोण: एस्ट्राजेनेका के प्रवक्ता ने बताया कि वैक्सीन ने सुरक्षा मानकों को पूरा किया है। दुनियाभर के नियामकों ने लगातार कहा है कि बेहद दुर्लभ केस में साइड इफेक्ट्स के खतरे से ज्यादा लाभ वैक्सीनेशन के हैं।”
9. ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की देन, भारत में व्यापक पहुंच। इस वैक्सीन को देश के कोने-कोने तक पहुंचाया गया, जिससे करोड़ों ने इसे अपनाया।”
10. “ICMR की रिपोर्ट: भारत सरकार का निष्कर्ष, कोविड वैक्सीन से हार्ट अटैक का कोई संबंध नहीं। हालिया अध्ययन ने इस भ्रांति को किया दूर।”
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